अर्चना चावजीरब ने बना दी जोड़ीकागज़ की किताब से , कलम की दवात से, खुशबू की गुलाब से, हुस्न की शबाब से, नींद की ख्वाब से बेगम की नबाब से , हड्डियों की कबाब से, सुई की…Nov 23, 2016Nov 23, 2016
अर्चना चावजीinarchanachaojiकभी धूप -कभी छाँवजून २००९ में मैंने और रचना ने एक साथ गाया था ये गीत………बहुत मुश्किल आई थी…एक तो गाना आता नहीं था…रिकार्ड करना भी तभी सीखा था..हेडफ़ोन को हम…Nov 21, 2016Nov 21, 2016
अर्चना चावजीसही है !!!कागज बनता है बांस से , पानी का मोल है प्यास से , चुभन होती है -फांस से , उम्मीद बंधती है -आस से , जीवन चलता है- साँस से , जीवन में रस घुलता…Nov 21, 2016Nov 21, 2016
अर्चना चावजीinarchanachaojiटुकडों में बँटी मैंबचपन में मैं बँटी हुई थी- शायद दादा- दादी,माँ ,पिता और रिश्तेदारों में। किशोरावस्था में बँटी हुई थी -दादा- दादी, माँ , पिता और दोस्तों…Nov 20, 2016Nov 20, 2016
अर्चना चावजीinarchanachaojiसीखऐसी कोई लाइनें नहीं है मेरे पास , जिनमें हो कुछ अलग या कुछ खास।Nov 20, 2016Nov 20, 2016
अर्चना चावजीinarchanachaojiआह्वान!!आओ सुनहरे सपनों को बुनें, अच्छाई और सच्चाई को चुनें , बुजुर्गों के अनुभवों को भुनें , अभावों में अपना सर न धुनें , मुश्किलों से लडें…Nov 20, 20161Nov 20, 20161
अर्चना चावजीinarchanachaojiगाँव छोड़ शहर मेंशहर में बैठकर, गांव के हालात पर- तरस खाता हूँNov 18, 20161Nov 18, 20161